18 months da arrears: हम सभी जानते हैं कि महंगाई भत्ता (DA) सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक बड़ी राहत होता है। यह सिर्फ एक राशि नहीं, बल्कि उनकी रोज़मर्रा की ज़रूरतों को पूरा करने में मिलने वाली आर्थिक मदद है। लेकिन महामारी के कठिन समय में, जब देश की आर्थिक स्थिति डगमगा गई थी, तब सरकार को कई कड़े फैसले लेने पड़े, जिनमें से एक था महंगाई भत्ते को अस्थायी रूप से रोकना। अब वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने इस विषय पर स्पष्ट कर दिया है कि पूरे 18 महीने का रोका गया महंगाई भत्ता और राहत का एरियर अब कर्मचारियों को नहीं मिलेगा, जिससे लाखों लोगों में निराशा है।
महामारी के समय लिया गया था कठिन फैसला
साल 2020 में जब कोविड-19 महामारी ने देश को अपनी चपेट में लिया, तब न केवल स्वास्थ्य संकट खड़ा हुआ, बल्कि वित्तीय चुनौतियाँ भी बढ़ गईं। सरकार को महामारी से लड़ने और लोगों की सुरक्षा के लिए कई आपात योजनाएँ लागू करनी पड़ीं। इन्हीं परिस्थितियों में केंद्र सरकार ने जनवरी 2020, जुलाई 2020 और जनवरी 2021 की तीन किस्तों का महंगाई भत्ता और महंगाई राहत रोकने का फैसला लिया था। यह कदम अचानक नहीं, बल्कि भारी आर्थिक बोझ और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के संचालन के लिए ज़रूरी समझकर उठाया गया था।
क्यों नहीं मिलेगा बकाया महंगाई भत्ता
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने स्पष्ट किया कि इन 18 months da arrears का भुगतान संभव नहीं है, क्योंकि अगर ऐसा किया जाता है तो सरकार को लगभग ₹34,402 करोड़ का अतिरिक्त बोझ उठाना पड़ेगा। महामारी के समय पहले से ही देश की आर्थिक स्थिति पर भारी दबाव था, और यही वजह रही कि इन तीन किस्तों का एरियर अब भी नहीं दिया जाएगा।
सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों पर असर
महंगाई भत्ता सिर्फ कर्मचारियों की सैलरी का हिस्सा नहीं है, बल्कि बढ़ती महंगाई से निपटने का एक तरीका है। पेंशनभोगियों के लिए भी महंगाई राहत एक स्थिर आय का सहारा होती है। इन 18 महीनों का बकाया न मिलने से कर्मचारियों और पेंशनभोगियों दोनों को आर्थिक झटका लगा है। हालांकि, सरकार का कहना है कि यह फैसला परिस्थितियों को देखते हुए ज़रूरी था और इसे देशहित में लिया गया था।[Related-Posts]
18 महीने का रोका गया महंगाई भत्ता – बड़ा अपडेट
विषय | जानकारी |
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फैसला कब लिया गया | कोविड-19 महामारी के दौरान (जनवरी 2020 – जुलाई 2021) |
क्यों रोका गया | भारी आर्थिक बोझ और आपातकालीन योजनाओं के लिए फंड जुटाने हेतु |
कितनी किस्तें रुकीं | 3 किस्तें (जनवरी 2020, जुलाई 2020, जनवरी 2021) |
बकाया क्यों नहीं मिलेगा | एरियर देने पर सरकार पर ₹34,402 करोड़ का अतिरिक्त बोझ आता |
किन्हें असर | सरकारी कर्मचारी और पेंशनभोगी – दोनों को आर्थिक झटका |
मौजूदा स्थिति | महंगाई भत्ता और राहत अब बहाल हो चुकी है |
आगे की उम्मीद | आर्थिक स्थिति सुधरने पर सरकार अतिरिक्त कदम उठा सकती है |
आगे की उम्मीदें
हालाँकि एरियर का भुगतान अब संभव नहीं है, लेकिन महंगाई भत्ता और महंगाई राहत की बहाली पहले ही हो चुकी है, जिससे मौजूदा समय में कर्मचारियों को राहत मिल रही है। फिर भी, जिन लोगों ने एरियर का इंतज़ार किया, उनके लिए यह खबर निराशाजनक है। भविष्य में अगर आर्थिक स्थिति बेहतर होती है, तो उम्मीद की जा सकती है कि सरकार कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के हित में कुछ अतिरिक्त कदम उठा सकती है।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी विभिन्न समाचार स्रोतों और आधिकारिक बयानों पर आधारित है। किसी भी वित्तीय या नीतिगत निर्णय से पहले आधिकारिक सरकारी अधिसूचना या विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।
Jabtak modiji ki sarkar rahegi tabtak kendriya karmochariyo rote rahenge… Accha din aur nahi aaa sakti… Isliye agla kadam Dhyan rakhna…. Is sarkar ko sabak sikhane ki jarurat hai…..