New rules: भारत में जमीन की रजिस्ट्री हमेशा से ही लोगों के जीवन और सपनों से जुड़ा एक संवेदनशील विषय रहा है। जब कोई इंसान अपने खून-पसीने की कमाई से एक छोटा सा प्लॉट या घर खरीदता है, तो उसके दिल में बस एक ही सपना होता है उसका नाम उस संपत्ति पर दर्ज हो जाए और वह उसका असली मालिक बन जाए। लेकिन अक्सर धोखाधड़ी, झूठे कागज़ात और पुराने कानूनी पेंच इस सपने को अधूरा कर देते थे। अब सरकार ने इस दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है, जिससे लाखों लोगों को राहत मिलने वाली है।
रजिस्ट्री कानून में 117 साल बाद क्रांतिकारी बदलाव
सरकार ने 1908 से चले आ रहे पुराने Registration Act को खत्म कर नए Registration Bill 2025 को लागू कर दिया है। इस नए कानून का मकसद है रजिस्ट्री प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल, पारदर्शी और सुरक्षित बनाना। अब जमीन की रजिस्ट्री के लिए लोगों को बार-बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने होंगे, क्योंकि पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन पूरी होगी।
इसमें आधार आधारित बायोमेट्रिक सत्यापन, डिजिटल डॉक्यूमेंट अपलोड और ई-सर्टिफिकेट जैसे आधुनिक फीचर्स शामिल किए गए हैं। सबसे अहम बात यह है कि अगर किसी रजिस्ट्री में धोखाधड़ी पाई जाती है या कोई वैध कारण सामने आता है, तो उसे 90 दिनों के भीतर रद्द किया जा सकेगा। यह प्रावधान खरीदारों को ठगी से बचाने में बेहद कारगर साबित होगा।
5 राज्यों में 40% रजिस्ट्री कैंसिल का नियम
सरकार ने साफ कर दिया है कि जिन राज्यों में जमीन से जुड़े विवाद और धोखाधड़ी के मामले सबसे अधिक हैं, वहां 40% तक पुरानी रजिस्ट्री कैंसिल करने का नया नियम लागू होगा। यह फैसला उन लोगों के लिए बड़ी राहत है जो सालों से फर्जीवाड़े के कारण अपनी संपत्ति के असली मालिकाना हक के लिए संघर्ष कर रहे थे।
आम जनता के लिए बड़े फायदे
इस नए कानून से न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी बल्कि कानूनी झंझट भी कम होंगे। अब जमीन की खरीद-बिक्री के सभी दस्तावेज डिजिटल रूप में उपलब्ध होंगे और कानूनी रूप से मान्य होंगे। इससे विवादों का निपटारा आसान होगा और लोगों का भरोसा सरकारी व्यवस्था पर और मजबूत होगा।
इसके अलावा, बिक्री अनुबंध, पावर ऑफ अटॉर्नी, क्रय प्रमाण पत्र और कोर्ट आदेश आधारित दस्तावेजों को भी अब रजिस्ट्री प्रक्रिया के तहत लाना अनिवार्य कर दिया गया है। यह बदलाव भविष्य में होने वाले झगड़ों और धोखाधड़ी को रोकने में बेहद मददगार होंगे।
जमीन की रजिस्ट्री के नए नियम 2025 – जानें मुख्य बदलाव
विषय | जानकारी |
---|---|
नया कानून | 117 साल पुराने Registration Act 1908 की जगह नया Registration Bill 2025 लागू |
प्रक्रिया | पूरी तरह डिजिटल – आधार आधारित बायोमेट्रिक सत्यापन, डॉक्यूमेंट अपलोड, ई-सर्टिफिकेट |
धोखाधड़ी पर कार्रवाई | 90 दिनों के भीतर संदिग्ध या फर्जी रजिस्ट्री रद्द की जा सकेगी |
5 राज्यों में नियम | विवाद वाले राज्यों में 40% तक पुरानी रजिस्ट्री कैंसिल |
लोगों को राहत | खरीदारों को ठगी और फर्जीवाड़े से सुरक्षा |
अतिरिक्त दस्तावेज | बिक्री अनुबंध, पावर ऑफ अटॉर्नी, क्रय प्रमाण पत्र और कोर्ट आदेश भी रजिस्ट्री में अनिवार्य |
फायदे | पारदर्शिता, कानूनी झंझट कम, विवादों का आसान निपटारा, सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी |
लोगों की उम्मीदों को नया सहारा
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नई रजिस्ट्री व्यवस्था उन लाखों परिवारों के लिए उम्मीद की नई किरण है, जो अब तक फर्जीवाड़े और भ्रष्टाचार की वजह से परेशान थे। यह न केवल लोगों की संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी, बल्कि सरकार के राजस्व में भी बढ़ोतरी करेगी क्योंकि हर लेन-देन का ऑनलाइन रिकॉर्ड रहेगा।
Disclaimer: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। भूमि रजिस्ट्री से जुड़े किसी भी निर्णय या प्रक्रिया के लिए संबंधित विभाग या आधिकारिक वेबसाइट से जानकारी लेना आवश्यक है।
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